बूढ़े पिता ने जवान बेटे को किडनी दी…
बड़ेरिया मेट्रो प्राइम अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट.. नेफोलॉजिस्ट डॉ. विशाल बढ़ेरा किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन- डॉ.राजेश पटेल ने की किडनी ट्रांसप्लांट
बूढ़े पिता ने जवान बेटे को किडनी दी…
बड़ेरिया मेट्रो प्राइम अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट
नेफोलॉजिस्ट डॉ. विशाल बढ़ेरा किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन
डॉ. राजेश पटेल ने की किडनी ट्रांसप्लांट
जबलपुर न्यूज ट्रैप -यदि बात संतान की आन पर आ जाए तो माता-पिता कुछ भी गुजरने तैयार हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहॉं एक बुजर्ग पिता ने अपनी किडऩी देकर,जवान बेटे का जीवन बचा लिया। पिता ने अपनी जान की फिक्र न करते हुए बेटे की जान बचाने के लिए एक किडनी उसे दे दी। नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में रहने वाले ३४ वर्षीय शैलेश शर्मा की दोनों किडनियां खराब हो चुकी थी। पिता ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए खुद ही किडनी देने का फैसला किया जिसके बाद सफल किडनी ट्रांसप्लांट बडेरिया मेट्रो अस्पताल में हुआ पिता और पुत्र पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विशाल वडेरा एवं किडनी ट्रांप्लांट सर्जन डॉ. राजेश पटेल ने इस सर्जरी को अंजाम दिया। दोनों किडनी हुई खराब- जानकारी के अनुसार शेैलेश, अपने पिता वृदावन शर्मा का इकलौता सहारा है।कुछ साल पहले घर के बड़े बेटे और बेटी की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। बीते दिनों शैलेश की तबीयत बिगड़ी और उल्टियां होने लगीं, शरीर में सूजन आने पर उसे नरसिंहपुर अस्पताल ले जाया गया जहॉं हालत नाजुक होने के कारण शैलेश को इलाज के लिए जबलपुर भेजा गया। यहॉं अस्पताल में जॉंच की गई तो पता चला कि उसकी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं, तब चिकित्सकों ने किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी। नहीं थी जीवन की उम्म्ीद–शैलेश का कहना है कि परिवार का सहारा सिर्फ मैँ हूॅँ। मुझे जब पता चला कि मेरी किडनियॉं खराब हो गई हैं तो जीवन की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। जब किडनी टा्रंसप्लांट की बात सुनी तो मैँ डर गया था कि ऑपरेशन सफल होगा या नही।ं मेरे पिता ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी किडनी देकर मेरी जान बचाई, साथ ही चिकित्सकों की पूरी टीम ने मुझे नया जीवन दिया है।