गरीब रथ भी सप्ताह में केवल तीन दिन, मुंबई जाने कंफर्म टिकट मिलना नहीं आसान..

जबलपुर से दिल्ली जाने के लिए तो आधा दर्जन नियमित ट्रेनें, मुंबई रूट पर रोजाना एक भी नहीं...

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शहर से मुंबई और दिल्ली रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं। इसमें जबलपुर से दिल्ली जाने के लिए तो लोगों को टिकिट पाने इतनी मशक्कत नहीं करनी पडती है, जितना मुंबई जाने के लिए मारामारि है। एक ओर जहॉं जबलपुर से दिल्ली जाने के लिए एक नहीं आधा दर्जन ट्रेनें है, वहीं मुंबई जाने के लिए रोजाना एक भी ट्रेन नहीं है। जो ट्रेनें जलपुर से होकर मुंबई जाती हैं वह कहीं न कहीं किसी ओर से आती है, जिसमें कंफर्म टिकट मिलना आसान नहीं होता। एक गरीब रथ है जो सप्ताह में तीन दिन ही चलती है उसमें भी सौ से डेढ़ सौ की वेटिंग होना तो आम बात है। इसके अलावा जबलपुर-बांद्रा साप्ताहिक स्पेशल है जिसमें कंफर्म टिकट मिलना तो नामुमकिन है ऐसा नहीं है कि पश्चिम मध्य रेल्वे बोर्ड से जबलपुर से मुंबई के लिए नियमित ट्रेन चलाने प्रस्ताव नहीं भेजा गया, पूर्व में प्रयास हुए हैं मगर अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। गौर तलब है कि जबलपुर से मुंबई और पूणे जाने के लिए नियमित ट्रेन न होने के कारण लोगो को कंफर्म टिकट पाने एक से डेढ माह पहले आरक्षण कराना पड़ता है।

गरीब रथ में वेटिंग कम नहीं होती, स्पेशल के हाल बुरे…

जानकारों की माने तो जबलपुर से मुंबई जाने के लिए सप्ताह में तीन दिन चलने वाली गरीब रथ ट्रेन में तो वेटिंग कभी कम नहीं होती है। इसमें हर वक्त सौ से डेढ़ सौ वेङ्क्षटग का ऑंकड़ा रहता है। हालॉंकि रेलवे प्रशासन इसमें एक अतिरिक्त कोच लगाकर राहत देने का प्रयास जरूर करता है। वहीं ऐसे ही कुछ हाल जबलपुर से बांद्रा साप्ताहिक ट्रेन के हैं। यह ट्रेन तो प्रारंभिक स्टेशन से ही पैक हो जाती है कभी-कभार अगर कुछ सीटें खाली रहती भी हैं तो उसमें वीआइपी लोग अपना कब्जा जमा लेते हैं। इसमें आम लोगों का सफर करना तो जैसे नामुमकिन है।

16 घंटे का सफर 20 घंटे में हो रहा पूरा…

जानकारों का कहना है कि जबलपुर से होकर जो ट्रेनें मुबई जा भी रही हैं उनमें लोगों का सफर 14 से 16 घंटों में पूरा होता है, मगरि जबलपुर-बांद्रा ट्रेन सीधी न जाकर सूरत होकर जाती है जिससे वह सफर २० घंटे में पूरा होता है। इस लिहाज से यह ट्रेन लोगों की पसंद नहीं है। बताया जाता है कि जबलपुर से मुंबई जाने रोजाना डेढ से दो हजार लोग होते हैं मगर कंफर्म टिकट न मिलने के कारण कुछ लोग तो मेहॅंगे दर पर फ्लाइट का सफर कर लेते हैं। तो कुछ अन्य दिनों मेेंं जाने मजबूर होते हैं। ऐसा नहीं है कि जबलपुर से मुंबई ट्रेनें नहीं जाती हैं, मगर वह अन्य स्थानों से आती हैं। जिससे कंफर्म टिकट मिलना काफी मुश्किल होता है। वहीं जबलपुर से पुणे के लिए भी मात्र दो ही ट्रेन पटना-पुणे गुजरती है इसमें भी कंफर्म टिकट की काफी मारामारी होती है।

रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन का आगमन, तैयारियों में दिन रात से जुटा रहा रेल प्रशासन…..

भारतीय रेलवे बोर्ड की चेयरमेन श्रीमती जया वर्मा सिन्हा का ९ जनवरी को पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय में आगमन हुआ। इस आगमन को लेकर रेल प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर र तैयारियॉं शुरू कर दी गई थीं। बताया जाता है कि चेयरमेन व मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती वर्मा 8 जनवरी को गाड़ी संख्या २2182 हजरत निजामुद्ीन-जबलपुर से जबलपुर के लिए रवाना हुई थी और ९ जनवरी को रेलवे स्टेशन पर उनका आगमन हुआ। इसके बाद वे यहॉं स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों की बैठक में शामिल हुई। उनके साथ रेलवे बोर्ड से एक टीम भी आई, जिसनें स्टेशन में नए सिरे से कराए जाने वाले पुनर्निर्माण के कार्यों की रिपोर्ट का अवलोकन कर जरूरी कार्य की समीक्षा की। चेयरमेन श्रीमती वर्मा ९ जनवरी की शाम महाकौशल एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो गई।

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