1200 करोड़ की लागत से बनीं नई संसद की टपकने लगी छत

1200 करोड़ की लागत से बनीं नई संसद की टपकने लगी छत

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1200 करोड़ की लागत से बनीं नई संसद की टपकने लगी छत

नई संसद की छत से पानी लीक, नीचे बाल्टी रखी
विपक्ष बोला- संसद के बाहर पेपर लीक और अंदर पानी लीक; लोकसभा सचिवालय बोला- ठीक करा लिया है

नई दिल्ली।  करीब 1200 करोड़ की लागत से बनीं नई संसद की छत बारिश के बाद टपकने लगी, जिसका वीडियो कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने शेयर किया है।  इसमें दिखाई दे रहा है कि संसद की लॉबी में से पानी गिर रहा है और उसके नीचे एक बाल्टी रखी है जिसमें पानी जमा हो रहा है। मणिकम टैगोर ने वीडियो शेयर कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है संसद के बाहर पेपर लीक और अंदर पानी लीक।

संसद भवन के कई हिस्सों में कांच के गुंबद लगाए गए


इसे लेकर लोकसभा सेक्रेट्रिएट ने कहा कि ग्रीन संसद की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए संसद भवन के कई हिस्सों में कांच के गुंबद (ग्लास डोम) लगाए गए हैं, ताकि नेचुरल लाइट आ सके। इसमें लॉबी भी शामिल है। बुधवार को भारी बारिश के बाद ग्लास डोम को सील करने के लिए लगाया गया पदार्थ हट गया था, जिसके चलते पानी का रिसाव हुआ। हालांकि इसे अब ठीक कर लिया गया है। नई संसद की इमारत का उद्घाटन 28 मई 2023 को हुआ था।

नई से अच्छी तो पुरानी संसद थी


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम से कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनाई गयी डिजाइन का हिस्सा होता है या फिर। सपा के मीडिया सेल ने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार में नेता इंजीनियर बन जाते हैं, इंजीनियरों को निर्देश देना शुरू कर देते हैं, काम में दखलंदाजी और आर्किटेक्चर में दखल देते हैं जिसका परिणाम सामने है। नए संसद भवन में पानी टपक रहा है। न पानी निकासी के इंतजाम हैं, न सीवर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त है। भाजपा सरकार में दिल्ली हो या यूपी दोनों जगह यही हो रहा है।

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