बागेश्वर बाबा को खुश करने का फार्मूला…

ये करते ही खुश हो जाएंगे बागेश्वर बाबा.... पहली बार बाबा के रहस्य पर से पर्दा हटा....

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बाबा को खाने में पसंद है कढ़ी

                         बाबा को खानेे में कढ़ी बहुत पसंद है। जिसने कढ़ी खिलाई-समझो उसकी किस्मत खुली देशी कढ़ी बाबा को बहुत पसंद है।

 

फुल्की समोसे के शौकीन बाबा

                                                                                  बाबा को फुल्की समोसा भी पसंद हे

 

दिन भर में 50 से अधिक बार चाय पीते हेैँ 

बागेश्वर बाबा को खुश करना है तो उन्हें चाय पिला दें। दिन भर में वे कम से कम 50 बार से अधिक बार चाय पीते हैँ

 

चाय खुद के कुल्हड़ में पीते है

बाबा चाय के भारी शैकीन हैँ खुद के कुल्हड़ नुमा बर्तन में पीते हें चाय

बाबा लहसुन – प्याज वाला भाोजन नही करते

बाबा को पसंद है सादा भोजन

 

थाली लगने से पहले ही लहसुन प्याज का आभाष हो जाता है

बागेश्वर बाबा, बिना लहसुन प्याज वाला भोजन करते हैँ। यदि कोई छिपाकर या चुपके से लहसुन प्याज वाला भोजन उनके सामने ले आए, तो बाबा को थाली आने के पूर्व ही इसका अहसास हो जाता है। बाबा इसे अशुद्ध और तामसी भोजन मानते हैँ।

 

बाबा को व्हीआईपी मूवमेंट पसंद नहीं 

 

बागेश्वर बाबा कों व्हीआईपी मूवमेंट पसंद नहीं है। उनके लिए कोई छोटा- बड़ा नहीं। सभी एक समान। सभी उनके लिए भक्त।

 

छतरपुर का टेलर सिलता है बाबा की पोशाक

बाबा अपनी ड्रेस अपने कपडे अपने ही टेलर से सिलवाते हैं।बाबा का टेलर उनके गृहग्राम में ही रहता है।

 

बाबा को सोना-चॉंदी पसंद नहीं

बाबा को सोना चांदी पसंद नहीं ….. आपने बागेश्वर बाबा को जब भी देखा होगा, तो पाया होगा कि उनके हाथ, उंगली या गले में सोने-चॉंदी के कोईभी आभूषण नहीं रहते।

सोने के आभूषण उतार देते हैँ बाबा..

बाबा को सोना चांदी पसंद नहीं …बाबा के गले में एक विशेष माला और बालाजी सरकार का अदभुत लॉकेट ही नजर आता है।

 

पूरी रात जागरण, मात्र २ घंटे की नींद

बागेश्वर बाबा २४ घंटे में महज २ घंटे ही सोते हैँ.आधी रात में टीम के साथ कभी भजन करने लगतेे है

छत्तीसगढ़ में रमन सिहं की कथा केंसिल की

बागेश्वर बाबा ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की कथा केंसिल कर दी थी। बाबा की कथा जब शुरू हो जाए, तभी यजमान को यकीन हो पाता है कि बाबा इंकार नहीं करेंगे वरना कथा से पहले तक बाबा का मन कैसा हो जाए, कितना बदल जाए, कोई नहीं जान सकता।

 

बहुत मूडी हैं बागेश्वर बाबा….

 

 

जबलपुर न्यूज ट्रैप। बागेश्श्वर बाबा यानि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री.. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ..जिनकी एक झलक पाने के लिए जनता पागल है। बाबा के पीछे भक्तों का हुजूम.. भारी भरकम कारवां..बाबा जहॉं जाते हैं, वहीं कुंभ मेला भर जाता है। हर किसी की तमन्ना रहती है बागेश्वर बाबा उनकी ओर देख लें, उनका नंबर लग जाए, उन्हें बुला लें। लेकिन हर किसी के लिए ये संंभव नहीं हो पाता। हर किसी के मन में एक ही सवाल कि अखिर उनकी जल्दी अर्जी कैसे लगे। बाबा के साथ साथ बालाजी सरकार की कृपा जल्दी कैसे बरसे …। तो आइए हम आपको बताते है कुछ खास बातें,जो बागेश्वर बाबा की दिनचर्या का हिस्सा भी हैं, साथ ही उन्हें खुश करने का फार्मूला भी। बागेश्वर बाबा को खुश करना है तो उन्हें चाय पिला दें। दिन भर में वे कम से कम ५० बार से अधिक बार चाय पीते हैँ, वो भी खुद के कुल्हड़ नुमा बर्तन में..बाबा को खानेे में कढ़ी बहुत पसंद है। जिसने कढ़ी खिलाई-समझो उसकी किस्मत खुली देशी कढ़ी बाबा को बहुत पसंद है। इसके अलावा चाट की फुल्की और गोलगप्पे भी वे बड़े चाव से खाते हैँ। समोसा भी उन्हें बहुत पसंद है। बिना लहसुन का सादाा भोजन…. बागेश्वर बाबा, बिना लहसुन प्याज वाला भोजन करते हैँ। यदि कोई छिपाकर या चुपके से लहसुन प्याज वाला भोजन उनके सामने ले आए, तो बाबा को थाली अने के पूर्व ही इसका अहसास हो जाता है। बाबा इसे अशुद्ध और तामसी भोजन मानते हैँ। तो ध्यान रखें कि बाबा के सामने कभी लहसुन-प्याज वाला भोजन न लाएं। बाबा का टेलर सिलता है बाबा की ड्रेस— बागेश्वर बाबा अपनी ड्रेस – अपने बेजोड परिधान के लिए जाने जाते हैँ। कभी राजा-रजवाड़ों सा परिधान, तो कभी एक से बढ़कर एक स्टाइलिश ड्रेस। धोती-कुरता, साफा तक सामान्य नही..।उसकां कपड़ा, क्वालिटी, कलर कॉम्ििबनेशन सब कुछ बेजोड़, बेमिसाल.. बाबा अपनी ड्रेस अपने कपडे अपने ही टेलर से सिलवाते हैं।बाबा का टेलर उनके ग्रहग्राम छतरपुर में ही रहता है। जो बाबा की पसंद और उनकी स्टाईल को बहुत अच्छे से जानता है। बाबा को सोना चांदी पसंद नहीं ….. आपने बागेश्वर बाबा को जब भी देखा होगा, तो पाया होगा कि उनके हाथ, उंगली या गले में सोने-चॉंदी के कोईभी आभूषण नहीं रहते। दरअसल बाबा को सोना-चॉदी पसंद नहीं हेै।सोने के कड़े, चैन या ब्रासलेट यदि उन्होंने पहन भी लिया तो तत्काल उतार भी देते हैं। बाबा के गले में एक विशेष माला और बालाजी सरकार का अदभुत लॉकेट ही नजर आता है। सिर्फ २ घंटे ही सोते हैं बाबा… बागेश्वर बाबा २४ घंटे में महज २ घंटे ही सोते हैँ।वे पूरी रात जागते हैँ और सुबह के समय ही कुछ देर की नींद लेते हैँ,। आधी रात में टीम के साथ कभी भजन करने लगतेे है,ं तो अलसुबह क्रिकेट भी खेलने लगते हैँ। बागेश्वरधाम में पूरे समय पूजन-अर्चन चलता रहता है। बागेश्वर बाबा तो हरै समय अपने आराध्य की पूजा में तल्लीन रहते हैँ। जब उनकी इच्छा होती है तो वे बागेश्वरधाम बालाजी सरकार मंदिर में पूजा अर्चना करते हैँ यानि बाबा की जब इच्छा होती है तो वे मंदिर में पूजा-अर्चना करने लगते हैँ बागेश्वर बाबा का बारह महिने अनुष्ठान चलता रहता है। व्हीआईपी मूवमेंट पसंद नहीं…. बागेश्वर बाबा कों व्हीआईपी मूवमेंट पसंद नहीं है। उनके लिए कोई छोटा- बड़ा नहीं। सभी एक समान। सभी उनके लिए भक्त। मूड़ी भी हैं बाबा…. बाबा बहुत मूड़ी भी हैं। किसकी कथा के लिए मंजूरी दें और किसे मना कर दें,ये कोई नहीं जानता। बागेश्वर बाबा ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की कथा केंसिल कर दी थी। बाबा की कथा जब शुरू हो जाए, तभी यजमान को यकीन हो पाता है कि बाबा इंकार नहीं करेंगे वरना कथा से पहले तक बाबा का मन कैसा हो जाए, कितना बदल जाए, कोई नहीं जान सकता। ….

 

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