खाकी वरदी का ये प्रमोशन या मजाक..!

स्टार लग गए, मगर वेतनमान पुराना, इंक्रीमेंट भी नहीं, पुलिस में कार्यवाहक पद पर प्रमोशन
  • प्रमोशन से डीएसपी बने, पेंशन के लिए भटक रहे काम करो एएसआई का, वेतन मिलेगा हवलदार का

जबलपुर न्यूज़ ट्रैप लंबे समय बाद पुलिस महकमे में प्रमोशन हुए। पुलिसवाले खुश थे कि अब उनका पद भी बढ़ेगा और तनख्वाह भी। वेतन में इंक्रीमेंट भी लगेगा। लेकिन यह सारी तमन्ना धरी की धरी रह गई। प्रमोशन तो हुआ, स्टार भी लगे और बढ़े, फीता भी मिला लेकिन वेतनमान वही पुराना। पद के अनुसार दायित्व व काम बढ़ गया लेकिन तनख्वाह नहीं बढ़ी। प्रमोशन भी कार्यवाहक पद पर हुआ, जिसका मतलब यही है कि रिटायरमेंट भी उसी कार्यवाहक प्रमोशन पद की बजाय प्रमोशन के पूर्व पद पर ही होगा। और ऐसा हुआ भी। इससे पुलिस वालों के चेहरे, खिलने की बजाय मुरझा गए। प्रमोशन के नाम पर कार्यवाहक पद पुलिस महकमे में सिपाही से हवलदार, हवलदार से एएसआई, एएसआई से एसआई, एसआई से टीआई, टीआई से डीएसपी के पद पर प्रमोशन हुए। लेकिन यह सभी प्रमोशन कार्यवाहक पद पर ही हुए। मतलब फीता बंध गया, स्टार लग गए, बढ़ गए, मगर वेतन नहीं बढ़ा। प्रमोशन के बाद बैच नंबर भी जमा नहीं हुए।

बन गए एएसआई, मगर थाने में लिखा है हवलदार

जानकारी के मुताबिक जिनका हवलदार से एएसआई में प्रमोशन हुआ, उनका पद थाने में हवलदार ही लिखा है। जबकि वास्तव में प्रमोशन के बाद कार्यवाहक एएसआई बन चुके हैं। सिपाही से लेकर टीआई तक के प्रमोशन में कुछ इसी तरह की विसंगतियां हैं।

छुट्टी की अर्जी में प्रमोशन से पहले का ही पद लिखना पड़ता है

कुछ पुलिसवालों ने बताया कि भले ही उनका प्रमोशन हो गया है, मगर छुट्टी की एप्लीकेशन में उन्हें प्रमोशन से पहले का ही पद लिखना पड़ता है। प्रमोशन वाला पद नहीं लिख सकते। मसलन जो हवलदार से एएसआई बना है, उसे छुट्टी के आवेदन में अपने नाम के नीचे हवलदार पद ही लिखना पड़ता है।

प्रमोशन कर दिया लेकिन बैच नंबर जमा नहीं किया

पुलिसवालों का दर्द यह भी है कि प्रमोशन के बाद भी उनके बैच नंबर जमा नहीं किए गए। जबकि पुराने बैच नंबर जमा हो जाना चाहिए और नया बैच नंबर मिलना चाहिए। दुर्भाग्य से ऐसा भी नहीं हुआ।

 

रिटायरमेंट भी पहले के पद पर

यह भी अजीब विडंबना है कि पुलिसवालों को रिटायरमेंट तक में प्रमोशन वाला पद नसीब नहीं होगा। वे नौकरी तो प्रमोशन वाले पद पर ठाट से करेंगे, लेकिन रिटायरमेंट उनके पहले के ही पद पर होगा। जिसका सीधा मतलब है कि उन्हें रिटायरमेंट में प्रमोशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा। उनकी पेंशन भी पूर्व पद के हिसाब से बनेगी।

पेंशन के लिए भटक रहे डीएसपी

शहर के तमाम थानों में पूरे रुतबे के साथ टीआई के रूप में पदस्थ रहने वाले एक थाना प्रभारी जो पिछले साल प्रमोशन के बाद कार्यवाहक डीएसपी तो बन गए और रिटायर भी हो गए। मगर आज भी पेंशन के लिए परेशान हैं। कई माह बाद भी उन्हें पेंशन नहीं मिल रही।

पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से न्यूज़ ट्रैप ने पूछा था सवाल

जबलपुर प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश शासन के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से न्यूज ट्रैप संपादक ब्रजेंद्र मिश्रा ने प्रमोशन के इसी मुद्दे पर सवाल पूछे थे, जिस पर वे असल जवाब को टाल गए। उन्होंने कहा कि पुलिस में प्रमोशन किए जाते हैं जिससे सिपाही से लेकर टीआई का पद बढ़ता है, पावर बढ़ता है। इससे उनका सम्मान और शक्तियां भी बढ़ती हैं, आत्मसम्मान भी बढ़ता है। प्रदेश शासन हर पुलिसकर्मी को नियमानुसार आगे बढऩे- बढ़ाने का मौका देता है।

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