कैबिनेट का निर्णय: विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कहलाएंगे कुलगुरु

मप्र विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन

कैबिनेट का निर्णय: विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कहलाएंगे कुलगुरु…

मप्र विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन

– सरकार कुलपति शब्द को ठीक नहीं मानती, इसलिए कुलगुरू करने का निर्णय लिया गया है।कुलगुरु के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मौजूद सभी मंत्री सहमत थे। विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में पुन: स्थापित और पारित कराने संबंधी कार्यवाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।

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जबलपुर न्यूज ट्रैप-: मप्र के वश्विविद्यालय के कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे। सरकार कुलपति शब्द को ठीक नहीं मानती, इसीलिए कुलगुरु करने का निर्णय लिया गया है। कुलगुरु के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मौजूद सभी मंत्री सहमत थे। इसके बाद बैठक में मप्र विश्वविद्यालय अधिनियम, १९७३ में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। विधेयक को आगामी विधानसभा सत्र में पुन: स्थापित और पारित कराने संबंधी कार्रवाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। इसी तरह कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को भी मंजूरी दे दी। नए वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानें १५ फीसदी बढ़ोतरी के साथ नीलाम होंगी। .

जिला स्तर पर चाइल्ड हेल्प लाइन के संचालन को स्वीकृति-

.नई आवकारी नीति को भी मंजूरी, नए वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानें १५ फीसदी बढोतरी के साथ नीलाम होंगी-

प्रदेश में जिला स्तर पर चाइल्ड हेल्पलाइन के संचालन की मंजूरी-

कैबिनेट की बैठक में मिशन वात्सल्य में चाइल्ड हेल्प लाइन के सुचारु और कुशल सुचालन के लिए विभागीय आदेश में संशोधन की स्वीकृति दी गई है। संशोधन के अनुसार जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से एक हेल्प लाइन यूनिट का संचालन किया जाएगा। इस कार्य के लिए मानव संसाधन का चयन भारत सरकार की ओर से निधारित अर्हता अनुसार विज्ञापन जारी कर पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा। चाइल्ड हेल्प लाइन के सभी स्टाफ संविदा पर रखे जाएंगे।

मप्र विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक का अनुमोदन,

कैबिनेट ने मप्र विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक,२०२४ के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, १९७३ में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। विधेयक में संशोधन अनुसार विश्वविद्यालय में कुलपति पदनाम को कुलगुरु किए जाने पर अनुमोदन दिया गया है।

अनुपूरक, लेखानुदान समेत कई प्रस्तावों की दी मंजूरी-

कैबिनेट ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के बाकी बचे दो महीने फरवरी व मार्च महीने के खर्चे के लिए शासकीय व अन्य कार्यों के लिए करीब १० हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को पारित कर दिया इसी तरह राज्य शासन ने करीब एक लाख रुपये से अधिक का लेखानुदान भी पारित कराया है। कैबिनेट की बैठक में उक्त दानों प्रस्तावों को पारित कर दिया गया। अब इसे बुधवार से शुरू होने जा रहे विधान सभा सत्र में पारित करया जाएगा इसके साथ ही साथ कई विधेयकों को भी मंजूरी दी गई है। ,,मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्री परिषद के निर्णय,,

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