विवेक तन्खा, प्रदेश लेबल के नहीं राष्ट्रीय नेताओं से ही बात करते हैं-
न्यूज ट्रैप की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट- जबलपुर न्यूज ट्रैप – राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा को भाजपा, जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बना सकती है। न्यूज ट्रैप को इसके संकेत अपने भरासेेमंद राजनीतिक सूत्रों से मिले हैं। तन्खा के जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाने से भाजपा को फायदा ही फायदा होने की संभावना है। लोकसभा चुनव के मद्देनजर भाजपा एक तीर से कई निशाने साघ सकती है। विवेक तन्खा, वैसे भी मूलत: कश्मीरी पंडित हैं। कश्मीरी पंडि़तों के विस्थापन पर भाजपा अपना अपना रूख पहले ही साफ कर चुकी है। कश्मीरी पंडि़तों पर किस किस तरह के अत्याचार हुए, इसका भी खुलासा भाजपा ने फिल्म कश्मीरी फाइल्स में किया था। जिससे पूेरे देश और खासकर जम्मूकश्मीर में भारी खलबली मची थी। भाजपा अब, उन्हीं प्रताडि़त कश्मीरी पंडि़तों को सम्मान कर वापसी कराना चाहती है। ऐसे में कश्मीरी पंडि़त विवेक तन्खा को जम्मूकश्मीर का राज्यपाल बनाया जाना भाजपा के लिए हुकुम का इक्का साबित हो सकता है। वैसे भी विवेक तन्खा का जो कद है, प्रतिष्ठा है, देश-दुनिया में उनका प्रभाव है, उसके मुताबिक उक्त पद पर उनसे अच्छा कोई और व्यक्ति ढ़ूडे नहीं मिल सकता। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का पद तन्खा की गरिमा, उनके व्यक्ति कृतित्तव के ही मुताबिक हैं।
तन्खा की पदस्थापना से बहुत बड़ा संदेश जाएगा
जानकारों का कहना है कि यदि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व, विवेक तन्खा के जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाता है, तो यह पूरी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा। विस्थापित कश्मीरी पंडि़तों के मन में भाजपा के प्रति बहुत ही घनात्क भाव पैदा होगा। आत्मविश्वास जागृत होगा कि भाजपा जो कहती है- वो करती भी है। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडि़तों का पलायन प्रताडऩा, बहुत बड़ा मुद्दा रहा है। जिसे तत्कालीन कांग्रेस समेत अन्य सरकारों ने छिपाए व दबाए रखा। कांग्रेस तो आज भी उसे ढांके ही रखना चाहती है। जबकि केंद्र की मोदी सरकार कश्मीरी पंडि़तों के आंसू पोंछकर उन्हें दोबारा वहीं बसाना चाहती है। एक कश्मीरी पंडि़त के राज्यपाल बनने से जो संदेश पूरे भारत में जाएगा, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। चारों तरफ भाजपा केन्द्र सरकार की जय-जयकार होगी। और लोगों में सरकार के प्रति भरोसा और गहरा होगा। ऐसे हालात में बहुत संभव है कि प्रधानमंत्री मोदी- गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने ऐतिहासिक -बड़े फैसलों के कम में विवेक तन्खा के जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाने के फैसले पर मुहर लगा दें।
विवेक तन्खा की वजह से है अन्नू सिंह- शशांक शेखर की वजनदारी-
विवेक तन्खा के दो अनमोल रत्न हैं, महापौर अन्नू सिंह और पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर…। इन दोनों की पूरी वजनदारी विवेक तन्खा की ही वजह से है। अन्नू सिंह को विवेक तन्खा ने ही टिकट दिलवाई और महापौर बनाया। इसी तरह कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के समय शशांक शेखर के महाधिवक्ता बनवाने वाले विवेक तन्खा ही है। सिहोरा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडने वाली एकता ठाकुर को भी तन्खा ने ही टिकट दिलाई। अब ये तीनों भाजपा में शामिल हो चुके हैं। लेकिन भाजपा में भी इनकी पूरी वजनदारी और पूछपरख विवेक तन्खा की ही वजह से है। इन तीनों नामों में तन्खा का ही साया और चमक है। सूत्र ये भी बताते हैं कि भाजपा का अन्य कोई भी प्रदेश स्तर का नेता, उनके साथ बहुत अंतरंग तौर पर नहीं है। हांलाकि भाजपा में आने से पार्टी के सभी नेता ऊपरी तौर पर खुश जरुर हैं। अच्छी बात ये भी है कि इन तीनों ही नेताओं को इसका बहुत अच्छे से अहसास भी है।
बेदाग छवि, विश्वस्तरीय प्रभाव-लोकप्रियता के धनी ववेक तन्खा
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एक तीर से कई निशाने-कश्मीरी पंडित हैं विवेक तन्खा, कश्मीरी पंडि़तों को साधने में आसानी..बड़ा संदेश जाएगा-
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-अमित शाह भी इज्जत करते हैं विवेक तन्खा की
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महापौर अन्नू सिंह- शशांक शेखर की पूरी बजनदारी विवेक तन्खा की वजह से-