चिकित्सा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी अब लापरवाहियां, आरोप और शिकायतें आम बात होती चली जा रही हैं। लापरवाहियों की भी कोई सीमा नहीं है। ताजा मामला हरियाणा राज्य के रेवाड़ी जिले का सामने आया है। यहां एक महिला को पथरी से पीड़ित होने के बाद उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया और उसे वहां भर्ती कराया गया। महिला को राइट साइड की किडनी में पथरी थी लेकिन उसके लेफ्ट साइड की किडनी का ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन तो सक्सेसफुल रहा लेकिन जब पेशेंट के परिजनों को मेडिकल्स की समरी और डिटेल्स रिपोर्ट विथ एक्स-रे और USG के साथ मिली तो सभी के कान खड़े हो गए। मामले की शिकायत की गई तो अस्पताल प्रबंधन ने कोई माकूल जवाब नहीं दिया। तब फिर पुलिस थाने की शरण ली गई। जिला स्तर पर बनी नेग्लीजेंट कमेटी की जांच में भी पाया गया कि डॉक्टर ने लापरवाही बरती है। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि गुरुग्राम जिले के राठीवास गांव के रहने वाले अजय राठी ने अपनी पत्नी को रेवाड़ी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से उसे रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल के सामने सिग्नल अस्पताल में ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। यहां डॉ. अशोक गुप्ता ने महिला का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन होने के बाद पीड़ित अपने घर चले गई। 4-5 दिन बाद जब पीड़ित महिला के पति ने इलाज समरी चेक की तो पता चला कि डॉक्टर ने दाईं की बजाय बाईं किडनी का ऑपरेशन कर दिया। डॉक्टर की लापरवाही का पता चलने पर परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां पहले तो डॉक्टर मामले को टालता रहा। बाद में प्रबंधन और डॉक्टर ने गलती मनाते हुए दोबारा ऑपरेशन करने की बात कही लेकिन यहां पीड़ित ने डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को शिकायत कर डाली। जिला स्तर पर बनी नेग्लीजेंट कमेटी की जांच में पाया कि डॉक्टर ने लापरवाही बरती है।